प्यारे बच्चों ! जैसा कि आप जानते हैं कि केन्द्रीय विद्यालय प्रति वर्ष नये सत्र की शुरुआत में “पुस्तक-उपहार उत्सव” (पुस्तकोपहार) मनाता है। इस उत्सव में छात्र-छात्राएं पिछली कक्षा की किताबों को विद्यालय पुस्तकालय में जमा करते हैं और अगर अगली कक्षा की पुस्तक उपलब्ध हो तो पुस्तकें प्राप्त करते हैं। केन्द्रीय विद्यालय की पुस्तकोंपहार योजना निःशुल्क है जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक पेड़ों को कटने से बचाना है, क्योंकि कागज पेड़ों से ही बनते हैं। एक सामान्य पेड़ से 16.67 कागज के रीम बनते हैं और एक रीम में 500 sheets होते हैं, तो एक पेड़ से 16.67×500=8335 sheets कागज बनता हैं। यदि आप सब इस पुस्तक उपहार योजना / उत्सव में पुरानी कक्षा की पुस्तकों को दान करके और अगली कक्षा की पुस्तकें प्राप्त करके भाग लेते हैं, तो जाने-अनजाने में कितने पेड़ों को कटने से बचा सकते हैं। ज़रा सोचिए।
प्यारे बच्चों
! केंद्रीय विद्यालय के इस “पुस्तकोपहार उत्सव” में आप बढ़ चढ़कर
हिस्सा लें औऱ सैंकड़ों पेड़ों को कटने से बचाकर धरती माता को ग्लोबल वार्मिंग से
होने वाले नुकसान से बचाने में अपना पूर्ण योगदान सुनिशित करें । अधिकांश छात्र
अपनी पुस्तकें रददी वाले को देकर इस अमूल्य योगदान से बंचित रह जाते हैं | आप अपनी पिछली
कक्षा की पुस्तकें किसी भी कार्य दिवस में विद्यालय आकर “स्वागत पटल” (Reception Counter) पर ड्यूटी पर तैनात
अध्यापक / कर्मचारी / सुरक्षा गार्ड को अपनी पुस्तकें दिनांक 18 मार्च से लेकर 04 अप्रैल 2022 तक सौंप सकते
हैं | ध्यान रहे कि आप अपनी पुस्तकें किसी रस्सी से बांधकर लायें
एवं सबसे ऊपर एक कागज़ पर अपना नाम, कक्षा, अनुभाग, रोल नंबर
इत्यादि लिखकर बांधें | सबसे अधिक एवं साफ सुथरी पुस्तकें दान
करने वाले छात्र-छात्राओं को समान्नित भी किया जायेगा | आपकी ये
पुस्तकें किसे दी जायेंगी इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जायेगा अर्थात पुस्तके
प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का व्योरा दर्ज नही किया जायेगा इसे गुप्तदान
समझें | जिन छात्र-छात्राओं को ये पुस्तकें चाहिए वे इन
पुस्तकों को 05-06 अप्रैल को कक्षा प्रथम से पांचवी तक की पुस्तकें विद्यालय
के प्राथमिक अनुभाग से एवं कक्षा छः से नवमी तक की पुस्तकें विद्यालय के पुस्तकालय
से प्राप्त कर सकते हैं |
धन्यवाद
केशव राम
शर्मा श्री सुनील चौहान
पुस्तकालयाध्यक्ष प्राचार्य
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